हम बात कर रहे हैं छत्रपति शिवाजी महाराज की उनका जन्म 19 फरवरी 1630 को महाराष्ट्र के शिवनेरी किले में हुआ था। शिवाजी महाराज ने अपने साहस और शौर्य तथा बुद्धिमत्ता के बल पर मुगलों को नाको चने चबा दिये थे। शिवाजी महाराज का आगरा से भी गहरा नाता था।
छत्रपति शिवाजी की जयंती 19 फरवरी को पूरे देश में धूमधाम से मनाई जाती है । देश को हिन्दु राष्ट्र बनाना चाहते थे, शिवाजी महाराज इसलिए उन्होंने कई बार मुगलों और अंग्रेजों को ललकारा था ।मुगल बादशाह शिवाजी महाराज से खौफ खाते थे । शिवाजी महाराज ने मुगलिया सलतनत् को घुटनों पर ला दिया था। हालांकि शिवाजी महाराज का कार्यकाल अधिकतम महाराष्ट्र में ही रहा है लेकिन आगरा में भी शिवाजी महाराज द्वारा कुछ समय बिताया गया था।
जन्मतिथि -19 फरवरी 1630
मृत्यु -3 अप्रैल 1680
शिवाजी महाराज ने मराठा साम्राज्य की नींव रखी थी इनका जन्म शिवनेरी किले में 19 फरवरी 1630 को हुआ उनके पिता शाह जी भोसले और माता जीजाबाई थी।
शिवाजी महाराज की बचपन से ही रामायण ओर महाभारत शिक्षा में रुचि थी । उन्होंने हिंदू धर्म की शिक्षा प्राप्त करी। हिन्दु धर्म के प्रति बचपन से ही लगाव था एक अच्छे देशभक्त भी थे । अपने देश के लिए मर मिटने का साहस और जुनून में था उनमें ।
आगरा यात्रा( 11 मई 1666.) –
शिवाजी महाराज और उनके पुत्र संभाजी आगरा के किले पहुंचे थे, आगरा में औरंगजेब शासन करता था औरंगजेब ने शिवाजी महाराज का लाल किले पहुंचने पर सम्मान नही किया था इस वजह से औरंगजेब को शिवाजी महाराज ने अपमानित किया अपमान का बदला लेने के लिए औरंगजेब ने शिवाजी महाराज को कैद कर लिया। लाल किले में शिवाजी महाराज को 99 दिन तक कैद रखा गया।
मिठाई और फलों की टोकरी में बैठ भाग निकले.-
शिवाजी महाराज ने बीमार होने का नाटक किया और बोले वह ब्राह्मण और गरीबों को फल व मिठाइयां दान करना चाहते हैं इसलिए हर दिन मिठाइयां व फलों की टोकरिया गरीबों में बांटने के लिए जाया करती थी,कुछ दिनों तक तो इन टोकरियों की जांच होती रही लेकिन बाद में उन्होंने जांच करनी बंद कर दी जिसकी वजह से उन्होने मौका पाकर शिवाजी महाराज और उनका पुत्र दोनो अलग -अलग टोकरियों में छुपकर भागने में सफल हो गए।